Wednesday, January 22, 2025

सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रूप से पौधा रोपण एवं भव्य कार्यक्रम का आयोजन।


(वर्ल्ड न्यूज फीचर नेटवर्क) 

चंपारण। चंपारण सत्याग्रह के महानायक एवं स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एम्बेसडर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डा एजाज अहमद अधिवक्ता ,वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक, डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, डॉ शाहनवाज अली ने संयुक्त रूप से पौधारोपण करते हुए कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद चंपारण सत्याग्रह में एक प्रमुख कड़ी थे, चंपारण सत्याग्रह जिसने 1917 में बिहार के बेतिया चंपारण जिले में नील के अभिशाप एवं अंग्रेजों की अत्याचार से किसानों के शोषण का विरोध किया था।

महात्मा गांधी ने डॉ राजेंद्र प्रसाद को ब्रिटिश नील बागान मालिकों से किसानों को मुक्त कराने के आंदोलन में सहायता करने के लिए आमंत्रित किया था। डॉ राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्रता सेनानी के साथ वकील भी थे। उन्होंने 1920 में असहयोग आंदोलन में शामिल होने के लिए अपनी वकालत छोड़ दी।

प्रसाद भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में एक नेता थे, जो तीन बार इसके अध्यक्ष रहे। वे भारत के पहले राष्ट्रपति भी थे, जिन्होंने 1950 से 1962 तक इस पद पर कार्य किया। उन्हें 1962 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

डॉ राजेंद्र प्रसाद ने चंपारण सत्याग्रह 1917 स्वतंत्रता सेनानियों किसानों मजदूरो एवं आम जनमानस को अंग्रेजों के अत्याचार एवं नील के अभिशाप से मुक्ति के लिए लामबंद किया था।1930 में बिहार में नमक सत्याग्रह में एक प्रमुख व्यक्ति थे, और वे 1946 में खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में अंतरिम सरकार में शामिल हुए। उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। उनकी मृत्यु 28 फरवरी, 1963 को हुई। इस मंच के माध्यम से हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।