Wednesday, January 22, 2025

सार्क चार्ट दिवस कर दिया विश्व शांति अहिंसा मानव अधिकारों की रक्षा मानवता सामाजिक सद्भावना परस्पर आपसी सहयोग बढ़ाने पर्यावरण संरक्षण जलवायु परिवर्तन की रोकथाम बाल मजदूरी उन्मूलन सीमा पर बाल व्यापार उन्मूलन बाल विवाह उन्मूलन एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संदेश


(वर्ल्ड न्यूज फीचर नेटवर्क 

 चंपारण। सत्याग्रह भवन में सार्क देशों द्वारा सार्क चार्टर को अपनाने के वर्षगांठ पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ,जिसमें सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ,बुद्धिजीवियों एवं छात्र छात्राओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया ,वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता नवीदूं चतुर्वेदी, पश्चिम चंपारण कला मंच की संयोजक शाहीन परवीन ने संयुक्त रूप से सार्क के निर्माताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर विश्व शांति ,मानव अधिकारों की रक्षा, मानवता, अहिंसा ,सामाजिक सद्भावना, जलवायु परिवर्तन की रोकथाम, पर्यावरण संरक्षण, बाल मजदूरी उन्मूलन ,सीमा पार बाल व्यापार उन्मूलन ,बाल विवाह ,परस्पर आपसी सहयोग बढ़ाने एवं विभिन्न सामाजिक कुरीतियों से मुक्ति का संदेश देते हुए कहा कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ चार्टर दिवस प्रतिवर्ष 8 दिसंबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर बांग्लादेश में हिंसा एवं अशांति पर चिंता व्यक्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बांग्लादेश में स्थाई शांति लाने में सार्क देशों की भूमिका अहम है क्योंकि बांग्लादेश खुद सार्क देशों के सदस्यों में से एक है। हम सब शांति एवं बंधुत्व के साथ सार्क देशों के बीच परस्पर सहयोग बढ़ाने की आशा करते हैं।इस वर्ष क्षेत्रीय समूह की 40वीं वर्षगांठ है। ढाका, बांग्लादेश में आयोजित पहले सार्क शिखर सम्मेलन में चार्टर पर सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों या बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के शासनाध्यक्षों द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि सार्क चार्टर का इतिहास गौरवशाली रहा है।

8 दिसंबर 1985 को, समूह के पहले शिखर सम्मेलन के दौरान, ढाका में सार्क चार्टर को अपनाया गया था। चार्टर पर आठ दक्षिण एशियाई देशों- बांग्लादेश, भूटान, अफगानिस्तान, मालदीव, नेपाल, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के नेताओं द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

जैसा कि इसके चार्टर में उल्लेख किया गया है, सार्क का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में लोगों के कल्याण को बढ़ावा देने और सामाजिक प्रगति और आर्थिक विकास के माध्यम से उनके जीवन स्तर में सुधार करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना है।