Thursday, January 23, 2025

*"आप" सरकार की नीतियों से आज दिल्ली में 11 लाख महिलाएं फ्री बस टिकट के कारण रोज़ाना अपने घरों से बाहर निकलती हैं, शिक्षा और नौकरी के अवसर प्राप्त करती हैं: सीएम अतिशी* *2015 में सत्ता संभालते ही हमनें बदलाव लाने की शुरुआत की लेकिन हमें बहुत सी बाधाओं का सामना करना पड़ा; इस संघर्ष में हमारे साथियों को जेल तक जाना पड़ा: सीएम आतिशी*


*7 दिसंबर, 2024*

 

 

सेंट स्टीफेंस कॉलेज के संस्थापक दिवस के समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने अपने अलमा मेटर संबोधन में राजनीति में युवाओं की भागीदारी का आह्वान करते हुए कहा कि अगर शिक्षित और अच्छे लोग राजनीति से दूर रहते हैं, तो वे “सबसे बुरे लोगों” को हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसले करने का मौका दे देते हैं।

 

मुख्यमंत्री ने "आप" सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के प्रभाव को उजागर किया, जिनमें लाखों दिल्लीवालों के जीवन में बदलाव आए है साथ ही उन्होंने 2015 से लेकर अब तक दिल्ली के लोगों को बेहतर सुविधा देने के क्रम में हुए संघर्षों के विषय में भी बताया।

 

मुख्यमंत्री ने मोहल्ला क्लिनिकों के जरिए मुफ्त प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और महिलाओं के लिए मुफ्त बस सेवाओं जैसी पहलों का भी जिक्र किया, जो महिलाओं के 

 लिए शिक्षा और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि, “फ्री बस यात्रा के कारण आज, 11 लाख महिलाएं रोज़ाना अपने घरों से बाहर निकलती हैं, शिक्षा और नौकरी तक पहुंच प्राप्त करती हैं, क्योंकि एक सरकार के रूप में हमनें उनकी जरूरतों की समझते हुए नीतियाँ बनाई। उन्होंने कहा कि, यह बदलाव दिखाता है कि अगर सही लोग निर्णय लेने की स्थिति में हों, तो भारत बदल सकता है।”

 

मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपील की कि वे राजनीति में भाग लें, क्योंकि केवल तभी वास्तविक बदलाव संभव है। उन्होंने कहा कि, “भारत का भविष्य किसी और के हाथों में नहीं है, यह हमारे हाथों में है। अगर हमें बदलाव चाहिए, तो हमें राजनीति और लोकतंत्र में भाग लेना होगा।"

 

उन्होंने लोकतंत्र को एक बाजार से तुलना करते हुए कहा कि जहां नागरिकों की सक्रियता से ही नेताओं को जवाबदेह ठहराया जा सकता है। “अगर लोग घर बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अवसरों की मांग करेंगे, तभी नेता इन्हें पूरा करेंगे। लेकिन अगर हम इस प्रक्रिया से बाहर रहते हैं, तो हमें दूसरों के हाथों में अपने फैसले छोड़ने होंगे।”

 

मुख्यमंत्री ने सेंट स्टीफेंस में अपने समय को याद करते हुए कहा कि कॉलेज में रहते हुए वे सोशल सर्विस लीग का हिस्सा थीं, जहां वे रक्तदान शिविर और कॉलेज के गैर-शैक्षिक कर्मचारियों के बच्चों के लिए कक्षाएं आयोजित करती थीं। उन्होंने कहा कि, “यह कॉलेज हमें सेवा का महत्व सिखाता है। आज मैं आप सभी से अपील करती हूं कि आप इस भावना को आगे बढ़ाएं। अपने करियर में सफल बनें, लेकिन ये भी याद रखें कि आपके काम समाज और देश को आकार देते हैं।”

 

उन्होंने कहा कि, “भारत का भविष्य किसी और के हाथों में नहीं है—यह हमारे हाथों में है। अगर हमें बदलाव चाहिए, तो हमें राजनीति और लोकतंत्र में भाग लेना होगा। लेकिन अगर हम निर्णय लेने का काम दूसरों को सौंप देते हैं, तो हम किसी को दोष नहीं दे सकते।”