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वर्किंग जर्नलिस्ट क्लब के स्थापना दिवस पर उर्दू घर में भव्य समारोह का आयोजन
नई दिल्ली (स्टाफ रिपोर्टर)
वर्किंग जर्नलिस्ट क्लब के 9वें स्थापना दिवस के अवसर पर आईटीओ स्थित अंजुमन तरक्की उर्दू घर में 'वर्तमान परिवेश में पत्रकारिता की समस्याएं' विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पत्रकारिता एवं जनसेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाली हस्तियों को पुरस्कार प्रदान किए गए। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजसेवी डॉ. सैयद फारूक ने की। भारत सरकार के पूर्व राजदूत मीम अफ़ज़ल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत हाफ़िज़ गुफ़रान अफ़रीदी द्वारा पवित्र कुरान के पाठ से हुई।क्लब के अध्यक्ष फरजान कुरैशी ने क्लब की स्थापना और इसके लक्ष्य के बारे में विस से जानकारी दी।
मुख्य अतिथि मीम अफजल ने कहा कि आजादी के बाद उर्दू अखबार सरकारी गिरफ्त में रहे। पत्रकारों को जेलों में डाल दिया गया, एक समय ऐसा भी आया जब सरकार ने उर्दू अखबारों पर ध्यान देना बंद कर दिया। उन्हें लगा कि इनका जनता पर कोई खास असर नहीं है, इसलिए जेलों के दरवाजे भी बंद कर दिए गए। लेकिन मौजूदा सरकार का पूरा ध्यान इसी पर है। आज दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में गोदिया मीडिया है, 80 प्रतिशत गोदिया मीडिया है, 20 प्रतिशत बाकी हैं। सरकार इन्हीं 20 प्रतिशत के खिलाफ कार्रवाई करती है। हमने अच्छा वक्त भी देखा है और आज बुरा वक्त भी देख रहे हैं और अगर अच्छा वक्त नहीं रहा तो बुरा वक्त भी नहीं रहेगा। जो लोग सत्ता की कुर्सी पर बैठे हैं उन्हें एक दिन जाना ही पड़ेगा, लेकिन जिन्होंने तकलीफें झेली हैं उनके लिए हमारे दिल में हमदर्दी का अहसास होना चाहिए। डॉ. सैयद फारूक ने वर्किंग जर्नलिस्ट क्लब को स्थापना दिवस की बधाई देते हुए सलाह दी कि वे आरटीआई एक्ट का अध्ययन करें, वहां से जानकारी लें और सनद के साथ काम करें,एक आरटीआई क्लब भी है, वहां भी अपना रजिस्ट्रेशन कराएं। इस अवसर पर पत्रकारों को अतिथियों ने पुरस्कार प्रदान किए। पत्रकारिता के लिए सलीम सिद्दीकी पुरस्कार राष्ट्रीय सहारा के ब्यूरो प्रमुख इजहारुल हसन को प्रदान किया गया। पत्रकारिता के लिए आमिर सलीम खान पुरस्कार दैनिक सहाफत के वरिष्ठ पत्रकार नवाब अख्तर को, पत्रकारिता के लिए सैयद जाहिर अली भारती पुरस्कार हिंदुस्तान समाचार के वरिष्ठ पत्रकार मुहम्मद ओवैस को और सोशल मीडिया के लिए एम रमेश पुरस्कार न्यूज फॉर वर्ल्ड यू यूट्यूब चैनल के युवा रिपोर्टर मुहम्मद गुलजार को दिया गया। इसके साथ ही समाजसेवी नईम मलिक, मेहरबान कुरैशी, सरदार खान और शौकत मुफ्ती को भी समाज के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
शिया सुन्नी यूनाइटेड फ्रंट के अध्यक्ष डॉ सरदार खान ने कहा कि मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है अगर इसकी आजादी पर हमला या नियंत्रण किया जाएगा तो इससे देश और लोकतंत्र दोनों कमजोर होंगे। आज देश में मीडिया के दो वर्ग बन गए हैं एक वर्ग गोदी मीडिया कहलाता है जबकि दूसरा वर्ग वह है जो तथ्यों और सच्चाई के साथ समाज के सामने खबरें रखता है। गोदी मीडिया वर्ग न केवल सच्चाई को छुपाता है बल्कि बुराई भी फैलाता है।
हमदर्द नेशनल फाउंडेशन के ओएसडी शौकत मुफ्ती ने कहा कि हमारे संगठन की सभी गतिविधियों में हमारे मीडिया के साथियों का पूरा सहयोग रहता है जो हमारे कार्यक्रमों में आते हैं और इसे कवर करके प्रमुखता से स्थान देते हैं। मैं मीडिया प्रतिनिधियों की सेवा और जज्बे की सराहना करता हूं। आज क्लब के स्थापना दिवस पर मैं उनसे वादा करता हूं कि जहां भी उन्हें हमदर्द की जरूरत होगी हम उनके साथ रहेंगे। वरिष्ठ पत्रकार जावेद रहमानी ने कहा कि आज की विपरीत परिस्थितियों में भी उर्दू अखबार न केवल निकल रहे हैं बल्कि लोगों की समस्याओं उठा रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी भूमिका हमारे उर्दू पत्रकारों की है जो ग्राउंड जीरो पर रहकर सच्चाई और तथ्य सामने लाते हैं।
उर्स कमेटी के अध्यक्ष एफआई इस्माइली ने कहा कि आज मीडिया का एक बड़ा वर्ग नफरत और बुराई फैलाने का काम कर रहा है। एक वर्ग वह है जो सरकार की गलत नीतियों और नफरती मीडिया के एजेंडे को काउंटर के रहा है। उर्दू अखबारों और पत्रकारों का यह साहस बहुत हिम्मत और जज्बे का काम है। इस मौके पर एडवोकेट तमीम मलिक, मनोज टंडन, शेख अलीमुद्दीन असदी, शफी देहलवी ने भी अपने विचार रखे। समारोह में पूर्व पार्षद महमूद जिया, जमील अंजुम देहलवी, मुहम्मद तकी, डॉ. मुहम्मद कलीम, जाकिर हुसैन, असद मियां, अफरोजुल हक, अजीमुल्लाह सिद्दीकी, वसीम सिद्दीकी, फसीह शहजाद सिद्दीकी समेत शहर की प्रमुख हस्तियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में क्लब के पदाधिकारियों व सदस्यों का भी योगदान रहा, जिनमें वसी उर रहमान उस्मानी ,मनोज टंडन, सुषमा रानी, मुहम्मद तस्लीम, फजील अहमद, अहमद नोमान,अमीर अहमद राजा,अमीर अमरोहवी, नरेंद्र कुमार, मुहम्मद राहिम, गुलजार अहमद, इजहारुल हसन, मुहम्मद गुफरान अफरीदी शामिल रहे।