Wednesday, April 16, 2025

यूनिफ़ाई टू नोटिफ़ाई’ -- यह सरकार से अनुरोध करता है कि भारत में कैंसर को एक अनिवार्य रूप से रिपोर्ट की जाने वाली बीमारी घोषित किया जाए, जिससे इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना आवश्यक हो


यूनिफ़ाई टू नोटिफ़ाई’ -- यह सरकार से अनुरोध करता है कि भारत में कैंसर को एक अनिवार्य रूप से रिपोर्ट की जाने वाली बीमारी घोषित किया जाए, जिससे इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को देना आवश्यक हो

 

अपोलो कैंसर सेंटर, IMA और राज्य ऑन्कोलॉजी एसोसिएशन मिलकर कैंसर के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए एक साथ आए हैं।

 

 

 

नई दिल्ली, 4 फरवरी 2025: अपोलो कैंसर सेंटर्स, दिल्ली के ऑन्कोलॉजी फ़ोरम, कैंसर केंद्र एम्स, और दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री (डीसीआर) की मदद से, विश्व कैंसर दिवस पर एक राष्ट्रीय अभियान -- "यूनिफ़ाई टू नोटिफ़ाई" -- शुरू कर रहा है। इस कैंपेन का उद्देश्य भारत सरकार से अपील करना है कि कैंसर को एक ऐसी बीमारी माना जाए, जिसे स्वास्थ्य विभाग को जानकारी देना जरूरी हो। जो इस बीमारी से लड़ने के लिए एक ज़रूरी कदम है।

 

 

 

 

 

भारत वर्तमान में हर साल 14 लाख से ज़्यादा नए कैंसर के मामले की रिपोर्ट करता है, और 2025 तक यह संख्या 15.7 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बीमारी के रूप में घोषित करने से:

 

समय पर डेटा इकट्ठा करना और सही रिपोर्टिंग करना, जिससे बीमारी के फैलाव को बेहतर तरीके से समझा जा सके।

   2. महामारी विश्लेषण और सही उपायों के जरिए इलाज के लिए एक समान तरीका तैयार करना।

 

3. इससे कैंसर के इलाज में सही तरीके, प्रभाव और लोगों तक पहुंच बढ़ेगी, जो आखिरी में भारत की वैश्विक कैंसर शोध और इलाज में भूमिका को मजबूत करेगा।

 

2022 में, संसद की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण पर स्थायी समिति ने राजीव सभा में एक रिपोर्ट दी, जिसमें कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बीमारी बनाने की सिफारिश की गई। इस पहल से, विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि भारत सरकार अगला कदम उठाएगी और इस विधेयक को अगले बजट सत्र में दोनों सदनों में पास करेगी।

 

डॉ. (प्रोफेसर) एसवीएस देव, प्रमुख और वरिष्ठ सलाहकार, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, अपोलो कैंसर सेंटर, पूर्व अध्यक्ष, इंडियन एसोसिएशन ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी (आईएएसओ), एबीएसआई, प्रमुख - दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री (डीसीआर), नई दिल्ली ने कहा, "कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बीमारी बनाना एक बड़ा कदम है जो भारत में कैंसर देखभाल को पूरी तरह बदल देगा। हर कैंसर के मामले को सही तरीके से रिकॉर्ड करने से हम पैटर्न को समझ सकते हैं, संसाधनों का सही इस्तेमाल कर सकते हैं और सही इलाज के तरीके बना सकते हैं। अपोलो कैंसर सेंटर में, हमने पहले ही एक मजबूत कैंसर रजिस्ट्री बनाई है, जिससे हम कैंसर के ट्रेंड और नतीजों को ट्रैक कर सकते हैं। अब हम उद्योग विशेषज्ञों से सपोर्ट मांग रहे हैं और भारत सरकार से अनुरोध कर रहे हैं कि इस विधेयक को दोनों सदनों में पास किया जाए, ताकि भारत में कैंसर देखभाल और शोध को और बेहतर बनाया जा सके।"

 

डॉ. सुषमा भटनागर, प्रमुख BRA-IRCH, कैंसर सेंटर, अध्यक्ष, IAPC-AIIMS, नई दिल्ली ने कहा, "AIIMS इस पहल के साथ पूरी तरह खड़ा है ताकि कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बिमारी बनाया जा सके। इससे हमारे कैंसर निगरानी सिस्टम में जो कमी है, वो दूर होगी और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच बेहतर तालमेल बनेगा। अपोलो कैंसर सेंटर ने हमेशा कैंसर देखभाल में सबसे आगे रह कर काम किया है, और हमें लगता है कि कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बनाने से हम सभी कैंसर देखभाल सेवाओं को और बेहतर बना सकेंगे। कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बनाने से हम यह पक्का कर पाएंगे कि सभी कैंसर के मामले रिपोर्ट और दस्तावेज किए जाएं, जिससे हम कैंसर की घटनाओं, मृत्यु दर और जीवित रहने की दर को ट्रैक कर सकेंगे।

 

डॉ. गीता कदयेप्राथ, अध्यक्ष, ऑनकोलॉजी फ़ोरम ऑफ न्यू दिल्ली ने कहा, "कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बनाना राज्य स्तर पर कैंसर के पैटर्न को समझने में बड़ा बदलाव लाएगा। इससे हम कैंसर के प्रकार और जोखिम तत्वों में क्षेत्रीय फ़र्क को पहचान सकेंगे, जिससे हम ज़्यादा लक्षित रोकथाम कार्यक्रम बना सकेंगे। अपोलो कैंसर सेंटर ने पूरे देश में कैंसर केंद्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया है, जो राज्य स्तर पर कैंसर डेटा इकठ्ठा करने और विश्लेषण करने में मदद करेगा। राज्य स्तर पर कैंसर डेटा देखने से हम उन क्षेत्रों की पहचान कर सकते हैं, जहां कैंसर के मामले ज़्यादा हैं और इन भिन्नताओं को दूर करने के लिए उपाय बना सकते हैं।"

 

'यूनिफ़ाई टू नोटिफ़ाई' कैंपेन भारत में कैंसर की देखभाल को सुधारने और कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बीमारी बनाने की ओर एक बड़ा कदम है, जिसमें हर कैंसर का मामला ज़रूरी है, हर मरीज की अहमियत है, और बेहतर कैंसर देखभाल के लिए सभी जानकारी सुरक्षित रहती है।

 

पंद्रह राज्यों, जैसे हरियाणा, कर्नाटका, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, मिजोरम, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, मणिपुर, और राजस्थान, ने पहले ही कैंसर को रिपोर्ट करने योग्य बिमारी बना दिया है, लेकिन इसे पूरे देश में लागू करना अभी भी जरूरी है। दुनियाभर में, अमेरिका, इंग्लैंड और वेल्स, स्कॉटलैंड, डेनमार्क, नॉर्डिक देश, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इज़राइल, क्यूबा, प्यूर्टो रिको और गाम्बिया जैसे 12 से ज़्यादा देशों ने कैंसर रिपोर्टिंग को ज़रूरी समझा है।

 

 

 

#कैंसरपरविजय

 

अपोलो कैंसर सेंटर्स के बारे में – https:// apollocancercentres.com/

 

 

 

कैंसर देखभाल की विरासत: 30 सालों से ज़्यादा समय से लोगों के जीवन में आशा की किरण ला रहा है

 

 

 

आज कैंसर देखभाल का मतलब 360-डिग्री विस्तृत देखभाल है, जिसके लिए कैंसर विशेषज्ञों की प्रतिबद्धता, विशेषज्ञता और अदम्य भावना की आवश्यकता होती है।

 

 

 

 

 

अपोलो कैंसर सेंटर का भारत भर में एक नेटवर्क है, जिसमें 390 से ज़्यादा कैंसर विशेषज्ञ हैं, जो उच्च स्तर की कैंसर उपचार सेवाएं देते हैं। हमारे विशेषज्ञ शरीर के विभिन्न अंगों पर आधारित तरीके से, सक्षम कैंसर प्रबंधन टीमों के साथ मिलकर, मरीजों को विश्वस्तरीय कैंसर देखभाल देते हैं। इससे हम मरीजों को एक ऐसे माहौल में बेहतरीन इलाज दे पाते हैं, जो हमेशा अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से अच्छे परिणाम देता है।

 

 

 

 

 

आज, 147 देशों से लोग अपोलो कैंसर सेंटर में कैंसर का इलाज कराने भारत आते हैं। साउथ एशिया और मिडल ईस्ट में पहला पेंसिल बीम प्रोटॉन थेरेपी सेंटर होने के कारण, अपोलो कैंसर सेंटर में कैंसर से लड़ने के लिए सभी सुविधाएं हैं। सभी घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय मरीज हमारे हेल्पलाइन नंबर 04048964515 पर हमसे संपर्क कर सकते हैं। हम 24x7 उपलब्ध हैं।