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स्ट्रीट वेंडर को कांग्रेस ने दिया हक, केजरीवाल ने छीना - मोना मिश्रा
नई दिल्ली, 25 जनवरी, 2025 - दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार में विपक्ष की नेता श्रीमती मोना मिश्रा ने कहा कि देश का दिल दिल्ली को आज भाजपा और आम आदमी पार्टी की खींचतान से बदहाल और बेबस है। यहां पॉजिटिव कुछ भी दिखाई नही देता, दिखता है तो दमघोटू प्रदूषण, कूडे के पहाड़, बारिश में डूबती दिल्ली, गर्मियों में प्यासी दिल्ली, अस्पतालों में इलाज के लिए सड़कों पर पड़े मजबूर लोग, टूटी सड़के, जाम यातायात, प्रदूषति झाग वाली यमुना। दिल्ली की इतनी दूर्दशा ता सत्ताधारी दलों की राजनीतिक प्रतिबद्धता, निजी स्वार्थ के कारण हुई है।
संवाददाता सम्मेलन में श्रीमती मोना मिश्रा के साथ कांग्रेस प्रवक्ता श्री अभय दूबे, कम्युनिकेशन विभाग के ज्योति सिंह, आस्मा तस्लीम और डा0 अरुण अग्रवाल मौजूद थे।
श्रीमती मोना मिश्रा ने दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार की असफलताओं के कारण अजीविका का संकट झेल रहे रेहड़ी पटरी वालों पर चिंता व्यक्त की।
1. 5 मार्च 2014 को केंद्र की कांग्रेस सरकार ने देश भर में रेहड़ी पटरी पर काम करने वालों को उनका क़ानूनी अधिकार दिया था ।
2. इस क़ानून का नाम रेहड़ी पटरी आजीविका सरक्षण क़ानून 2014 है ।
3. दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि इस क़ानून के आने के बाद भी केजरीवाल जी ने 6 साल तक तो इसे लागू ही नहीं किया और 3 अक्टूबर 2019 को जब इसको अधिसूचित किया तो आज तक उस पर पूरा अमल नहीं किया ।
4. इस क़ानून की पहली अनुसूची की धारा 21 में प्रावधान है कि शहर की आबादी की 2.5 प्रतिशत जितनी संख्या रेहड़ी पटरी वालों की निर्धारित की जाएगी।
5. टाउन वेंडिग कमेटी बनेगी जिसमें 40 प्रतिशत सदस्य रेहड़ी पटरी वाले ही होंगे और टाउन वेंडिंग समिति सर्वोपरि होगी। वेंडर्स को लाइसेंस भी यही कमेटी जारी करेगी।
6. इस क़ानून के अध्याय 2 की धारा 2 में प्रावधान है कि किसी भी रेहड़ी पटरी वाले को हटाया नहीं जा सकता । जब तक सर्वे पूरा न हो जाए जब तक सभी विक्रेताओं को विक्रय प्रमाण पत्र जारी नहीं किए जाते ।
7. आज तक कोई वेंडिंग ज़ोन क्यों निर्धारित नहीं किया गया?
8. केंद्र की भाजपा सरकार उनके लिए लोन की योजना लेकर आई । आए दिन उन्हें उनका माल ज़ब्त करके उनके अधिकार से वंचित किया जाता है । वो लोन कहाँ से चुका सकते है जब काम ही नहीं करने देते ।
9. दिल्ली में मात्र 72467 स्ट्रीट वेंडर्स की पहचान की गई जिसमें से सर्टिफिकेट ऑफ़ वेंडिंग 62333 को दिया गया तथा उसमें से भी 56422 को ही पहचान पत्र दिया गया ।
10. जबकि आज दिल्ली की आबादी 3 करोड़ से अधिक है तब क़ानूनी रूप से दिल्ली के स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या 7.5 लाख से अधिक होनी चाहिए मगर दिल्ली के स्ट्रीट वेंडर्स को रौंदा जा रहा है । उनसे मोटी रिश्वत की माँग की जाती है।
11. टाउन वेंडिंग कमेटी में 40 प्रतिशत स्थान वेंडर्स का होना चाहिये वो भी नॉमिनेशन नहीं निर्वाचित ।
12. आप कल्पना कीजिए कि आम आदमी पार्टी नाम रखने वालों ने कैसे आम लोगों के साथ व्यवहार किया ।
13. दिल्ली में 35 लाख लोगों के पेट पर लात मारी गई।