Wednesday, January 22, 2025


स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के उपलक्ष्य पर सीएसयू में शास्त्र परम्परा को लेकर त्रैदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 

दिल्ली,प्रो अजय कुमार मिश्रा, संयोजक मीडिया प्रकोष्ठ आईकेएस प्रकोष्ठ व पीआरओ, दिल्ली ।

सूचनीय है कि कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेडी जी की अध्यक्षता में स्वामी विवेकानन्द जी की जयन्ती के उपलक्ष्य पर राष्ट्रीय युवा दिवस पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय , दिल्ली के सारस्वत सभागार में आयोजित किया जा रहा है जो दिनांक 11-13 जनवरी 2025 तक चलेगा । इस अवसर पर कुलपति प्रो वरखेडी ने कहा है कि इसका लक्ष्य संस्कृत विद्वानों तथा विदुषियों तथा अनुरागियों के माध्यम से विशेष कर छात्र छात्राओं के माध्यम से संस्कृत और उसके शास्त्रों के महत्त्वों को पुनर्स्थापित करना है । इसके लिए यह आवश्यक है कि युवा वर्ग इस मिशन की आवाज बनें । उन्होंने आगे कहा है कि जिस प्रकार आधुनिक भारत के "आध्यात्मिक पिता " के रुप में प्रख्यात स्वामी विवेकानन्द जी ने समग्र विश्व को जागृत किया था ।

उसी प्रकार भारतीय तरुण समाज को आज फिर से जागृत होना होगा ।

    कार्यक्रम के संयोजक प्रो गणेश पण्डित ने बताया है कि यह सम्मेलन हाईब्रिड मोड में किया जा रहा है ,ताकि देश भर का तरुण तथा तरुणी विद्वत समाज भी इसमें बढ़ चढ कर भाग ले सकें और हम उनके विचार से अवगत हो सके । इससे शास्त्र अध्ययन की महनीयता को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया जा सकें ।प्रो पण्डित ने यह भी कहा है इसमें लगभग अढाई सौ से अधिक विद्वानों तथा विदुषियों की भागीदारी की संभावना है । 

प्रो मधुकेश्वर भट्ट , निदेशक कार्यक्रम ने कहा है कि केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय कुलपति प्रो श्रीनिवास वरखेडी जी के समय समय पर मार्गदर्शन प्राप्त कर के इस तरह के अनेक नवाचारी कार्यक्रम के रुप में राष्ट्रीय तथा अनेक अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों का देश विदेश में आयोजन किया जा रहा है । स्वामी विवेकानन्द जी की जयन्ती पर यह आयोजन उसी का सातत्य है जिसमें प्रौढ तथा युवान विद्वान विदुषि भाग लेकर संस्कृत विद्या के शोध तथा इसकी लोकप्रियता का प्रचार प्रसार करेंगे ।

 साथ ही साथ प्रो भट्ट ने यह भी कहा है कि इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय शास्त्रपद्धति शास्त्र दृष्टि और शास्त्र दृष्टि जो रखा गया है उसमें इसी भारत की इस पारम्परिक विद्या को केन्द्र में रख कर परिचर्चा की जाएगी जिसमें कुलपति प्रो श्रीनिवासन वरखेडी जी की बहुचर्चित संस्कृत पुस्तक शास्त्रपद्धति: के हिन्दी, मराठी तथा कन्नड भाषा में जो अनुवाद क्रमश: प्रो अजय कुमार मिश्रा,सीएसयू , दिल्ली, डा रेणुका बोकारे , कविकुल कालिदास संस्कृत विश्वविद्यालय,रामटेक तथा डा विश्वनाथ सुंकसाल सीएसयू , श्रृंगेरी परिसर भी अपने अपने अनुवाद के भाव यात्राओं को व्याख्यान के जरीए साझा करेंगे । ध्यातव्य है कि प्रस्तुत पुस्तक भारतीय ज्ञान परम्परा के संबर्धन के क्षेत्र में एक बहुत ही चर्चित पुस्तक मानी जा रही है और विविध भाषा भाषी पाठकों का इन पर विशेष ध्यान देखा जा रहा है । अतः आशा की जा सकती है राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 में जो प्रथम बार संस्कृत को केन्द्र में रख कर भारतीय भाषाओं के महत्त्व दिया गया है ,उस दृष्टि से अनुवाद के माध्यम से भारतीय भाषाओं को समझने समझाने का भी मार्ग और खुलेगा ।

   इस आयोजन को लेकर प्रो मदन मोहन झा ,डीन , छात्र कल्याण,प्रो काशीनाथ न्यौपाने, निदेशक, प्रकाशन , प्रो पवन कुमार, परीक्षा नियन्त्रक, ,प्रो रत्नमोहन झा , निदेशक ,मुक्तस्वा. डा पी .एम. गुप्त , विश्वविद्यालय पुस्तकालयाध्यक्ष के साथ साथ प्रो सुज्ञान मोहन्ती, प्रो आर. एल. नरसिम्हा ,श्री जगन्नाथ झा ,डा पवन व्यास , डा जितेन्द्र राय गुरु डा छोटी बाई मीना, डा सुनीता, डा चक्रधर मेहेर ,डा अमृता कौर तथा डा स्नेहलता उपाध्याय, डा सूर्य प्रसाद ,डा शैलजा नका ,डा प्रसाद भट्ट , डा दयानाथ डा यशवन्त त्रिवेदी ,डा विजय दाधीच तथा प्रीति शुक्ला जैसे अधिकारियों ने भी प्रसन्नता व्यक्त किया है ।