Wednesday, January 22, 2025


ऐतिहासिक बेतिया राज के हजारों वर्ष पुराने दुर्लभ दस्तावेजों को कंप्यूटराइज करने की मांग 

  (वर्ल्ड न्यूज फीचर नेटवर्क) 

चंपारण। नव वर्ष पर बिहार राज्य में सरकारी सेवको एवं अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के लिए 2004 के पहले लागू पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने , ऐतिहासिक बेतिया राज के हजारों वर्ष पुराने दुर्लभ दस्तावेजों को कंप्यूटराइज करने के कार्य में गति लाने, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना एवं बेतिया राज की भूमि पर बसे लोगों को स्थाई करने की मांग सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने पुनः बिहार सरकार से की। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन के सचिव डॉ एजाज अहमद, वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने संयुक्त रूप से बिहार सरकार से मांग करते हुए कहा कि भारत की स्वाधीनता , नील के अभिशाप एवं अंग्रेजों के अत्याचार से मुक्ति के लिए महात्मा गांधी एवं कस्तूरबा गांधी ने ऐतिहासिक बेतिया की धरती से सत्याग्रह आंदोलन का शुभआरंभ किया था। सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने माननीय मुख्यमंत्री बिहार सरकार से मांग करते हैं कि बिहार राज्य में सरकारी सेवको एवं अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों के लिए 2004 के पहले लागू पुरानी पेंशन स्कीम लागू की जाए , विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय स्थापित करने, ऐतिहासिक बेतिया राज के हजारों वर्ष पुराने दुर्लभ दस्तावेजों को कंप्यूटराइज करने के कार्य में गति लाएं एवं बेतिया राज की भूमि पर बसे लोगों को स्थाई करने की मांग सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन , मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने बिहार सरकार के मुख्यमंत्री से पुनः की है। कोर्ट आफ वर्ड्स 1897 की समाप्ति के बाद जनहित में ऐसा करना अति आवश्यक है। स्मरण रहे कि सत्याग्रह रिसर्च फाऊंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा कई दशकों से जनहित में यह मांग करती रही है।इसके लिए बेतिया पश्चिम चंपारण एवं बिहारवासी सरकार के आभारी रहेंगे।