Wednesday, January 22, 2025


तफ़हीमुल क़ुरआन (हिन्दी) ऐप का विमोचन।

नई दिल्ली, 27 दिसंबर: आज यहाँ जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के मुख्यालय में मौलाना सैयद अबुल आला मौदूदी के प्रसिद्ध तफसीर (व्याख्या) तफ़हीमुल क़ुरआन (हिन्दी) ऐप का विमोचन समारोह जमाअत के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द से जुड़ी संस्था 'इस्लामी साहित्य ट्रस्ट' ने इस ऐप को विकसित किया है।

जमाअत के अमीर सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने ट्रस्टियों और ऐप डेवलपर यूसुफ अमीन को बधाई देते हुए कहा कि मौलाना मौदूदी ने तफ़सीर लिखने में बहुत मेहनत की है। तफ़हीमुल क़ुरआन की तैयारी के संदर्भ में मौलाना मौदूदी ने जर्मन भाषा सीखी, हिंदू धर्म और ईसाई धर्म की बुनियादी पुस्तकों का अध्ययन किया, अन्य विचारों और सिद्धांतों का गंभीर मूल्यांकन करने के पश्चात तफसीर (व्याख्या) तैयार किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण कार्य है जिसे इस्लामी साहित्य ट्रस्ट द्वारा किया गया। अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इसे जितना संभव हो उतना लोकप्रिय बनाने का प्रयास करें, ताकि यह न केवल मुसलमानों तक पहुंच सके, बल्कि हिंदी जानने वाले हर व्यक्ति तक इसकी पहुंच हो सके। 

ट्रस्ट के सचिव श्री वारिस हुसैन द्वारा परिचयात्मक उद्बोधन के उपरांत जमाअत के अमीर एवं अन्य पदाधिकारियों ने ऐप का पोस्टर जारी किया। फिर अमीर जमाअत ने इसके लिंक पर क्लिक करके ऐप लॉन्च किया। ऐप डेवेलपर युसूफ अमीन ने इसके सभी फीचर्स से परिचय कराया। इस ऐप में पवित्र क़ुरआन का संपूर्ण पाठ, उसका हिंदी अनुवाद और तफ़हीमुल क़ुरआन का अनुवाद शामिल है। अनुवाद और व्याख्या दोनों पढ़े जा सकते हैं, लेकिन सुनने का विकल्प केवल अनुवाद के लिए है।

तफ़हीमुल क़ुरआन का हिंदी अनुवाद मौलाना नसीम अहमद गाजी फलाही ने किया है। इस मौके पर नसीम गाजी ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि 6 वॉल के इस तफ़्सीर के अनुवाद में लगभग 12 वर्ष लगे। उन्होंने बताया कि अनुवाद के साथ इसमें क़ुरआन की शब्दावली की संक्षिप्त व्याख्या और पैगंबर मुहम्मद (स.अ.व.) की हदीसों के संदर्भ भी शामिल किए गए हैं।

इस कार्यक्रम में इमारत -ए-शरिया बिहार के पूर्व नाजिम (प्रबंधक) एवं ऑल इंडिया नेशनल काउंसिल के उपाध्यक्ष मौलाना अनीसुर रहमान कासमी भी उपस्थित थे। उन्होंने अनुवाद के काम की संवेदनशीलता के बारे में बात करते हुए इस काम से जुड़े लोगों को बधाई दी।

जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के शरिया काउंसिल के राष्ट्रीय सचिव डॉ. रज़ी-उल-इस्लाम नदवी ने कहा, "मेरा मानना है कि यह काम एक सदक़ा-ए - जारिया (सदैव शेष रहने वाला पुण्य का कार्य ) है। वे सभी जिन्होंने इसमें किसी न किसी तरह से योगदान दिया है, पुरस्कार के पात्र हैं।

जमाअत-ए-इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष मलिक मोतसिम खान ने भी इस कार्य पर प्रसन्नता व्यक्त की और ट्रस्टियों को बधाई दी। ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री फरहत हुसैन ने कहा कि इस ऐप में तल्खीस (संक्षिप्त व्याख्या) तफ़हीमुल क़ुरआन जिसे मौलाना सदरुद्दीन इस्लाही ने तैयार किया था, जिसका हिंदी में अनुवाद मौलाना कौसर यजदानी नदवी ने किया है, को भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि ट्रस्ट ने धार्मिक पुस्तकों को भी डिजिटल रूप में लाने की योजना बनाई है।

इस ऐप को एंड्रॉइड और आईओएस पर इंस्टॉल किया जा सकता है।इसे प्ले स्टोर पर जाकर तफहीमुल कुरान हिंदी टाइप करके डाउनलोड किया जा सकता है या निम्नलिखित लिंक के माध्यम से भी डाउनलोड किया जा सकता है।