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गुर्जर महोत्सव में प्रसिद्ध समाजसेवी एवं आर्टिस्ट राजेश कुमार जी द्वारा बनी पेंटिंग रही आकर्षण का केंद्र।
सूरजकुंड मेला परिसर में गुर्जर महोत्सव का सोमवार को आगाज हो गया। महोत्सव का शुभारंभ हरियाणा के राज्य मंत्री राजेश नागर ने किया। इस तीन दिवसीय महोत्सव के पहले दिन पांच हजार से अधिक लोग पहुंचे। पहले दिन पूरे दिन रुक रुक कर हो रही बारिश के कारण मेला थोड़ी देरी से शुरू हुआ, इसके बावजूद गुर्जर समाज के लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं हुई।
सूरजकुंड मेला परिसर में बनी पांच से अधिक चौपालों पर कलाकारों ने पूरे उत्साह के साथ सांस्कृतिक लोकनृत्य प्रस्तुत किया। घर से घूंघट की ओट में पारंपरिक पोशाक में आईं महिलाओं ने महोत्सव में समा बांध दिया। पूरे परिसर में देसी-विदेशी गानों की धुन पर महिलाओं व युवतियां अपने अंदाज में थिरकती नजर आईं।
बच्चों ने ड्राइंग कंपटीशन में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया
इस के साथ ही
*दिल्ली के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं आर्टिस्ट राजेश कुमार जी की पेंटिंग रही आकर्षण का केंद्र।*
गुर्जर समाज के पारंपरिक लोक नृत्य तथा खानपान के साथ राजेश कुमार जी की गणेश जी की पेंटिंग सब के आकर्षण का केंद्र रही आपको बता दे राजेश कुमार जी अपनी पेंटिंग के माध्यम से कई राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय खिताब अपने नाम कर चुके हैं।
कई तरीके के वेस्ट मटेरियल से बनाई गई यह कलाकृतियां लोगों का मन लुभाती रही। आपको बता दे राजेश राजेश कुमार जी दिल्ली में समाज सेवा के कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं तथा वह विभिन्न प्रकार की अन उपयोगी वस्तुओं जैसे दवाई के रैपर, भूसा, कागज, बटन, धागे, लकड़ी का बारूदा, पेड़ के पत्ते, सूखी घास इत्यादि को सुंदर आकार देकर गणेश जी की कलाकृतियों में ढल देते हैं ।उनका कहना है कि मैं अपने आसपास कुछ भी व्यर्थ होता नहीं देख सकता इस प्रकृति ने हमें बहुत सारे उपहार दिए हैं हमें प्रकृति की रक्षा के लिए व्यर्थ चीजों का भी उत्तम उपयोग करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं यह सब अपने बड़ों से सीखा है, मेरी माता जी कुछ भी व्यर्थ होता देखती थी तो बहुत निराश होती थी वह यही सीख बचपन से उन्होंने मुझे दी की प्राकृतिक की रक्षा तभी हो सकती है जब हम किसी भी चीज को व्यर्थ नहीं समझे।इस के साथ ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया उनके द्वारा स्थापित कॉसमॉस ग्रुप आफ स्कूल आज किसी परिचय के मोहताज नहीं है जहां अनेकों अनेक बच्चे शिक्षा के माध्यम से देश को आगे बढ़ने का कार्य कर रहे हैं।
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चौधरी की पगड़ी भी बनी आकर्षण का केंद्र
महोत्सव में लोगों को चौधरी की पगड़ी खूब पसंद आई। ज्यादातर बुजुर्ग और जमींदार घर से ही पगड़ी बांधकर आए थे, लेकिन यहां बांधी जा रही ऊंची पगड़ी युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित कर रही थी।
मथुरा के श्रीराधा रानी मंदिर की कलाकृति भी देखने को मिली
गुर्जर महोत्सव में मथूरा के प्रसिद्ध श्रीराधा रानी मंदिर की कलाकृति भी बनाई गई थी। जहां पर लोगों ने खड़े होकर खूब सेल्फिया लेते दिखाई दिए। श्रीराधा रानी मंदिर, एक ऐतिहासिक हिंदू मंदिर है, जो भारत के उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बरसाना में स्थित है। यह मंदिर देवी राधा को समर्पित है। मंदिर भानुगढ़ पहाड़ियों की चोटी पर फैला हुआ है, जिसकी ऊंचाई लगभग 250 मीटर है। समाज में मथूरा के राधा रानी मंदिर का बहुत बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी है। यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण की प्रेमिका राधा रानी को समर्पित है। मंदिर की वास्तुकला बहुत ही सुंदर और आकर्षक है, जो हिंदू मंदिरों की परंपरागत शैली का प्रतीक है, जिसकी वजह से गुर्जर महोत्सव में मंदिर की कलाकृति बनाई गई है।