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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज (26 दिसंबर 2024) रात 9 बजकर 51 मिनट पर निधन हो गया। तबीयत खराब होने के चलते उन्हें नई दिल्ली के AIIMS में रात 8 बजे के आसपास भर्ती कराया गया था। वह 92 वर्ष के थे। साल 2004 में पहली बार UPA सरकार में प्रधानमंत्री पद संभालने वाले डॉक्टर मनमनोहन सिंह जून 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे। डॉक्टर सिंह की गिनती भारत के जाने-माने अर्थशास्त्रियों में होती है। वह देश के सबसे बड़े केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 15वें गवर्नर भी रहे। हम आपको बता रहे हैं डॉक्टर मनमोहन सिंह अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए….
डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 2013 में प्रधानमंत्री के तौर पर अपनी संपत्ति का खुलासा किया था। उनके द्वारा दाखिल हलफनामे के मुताबिक, मनमोहन सिंह के पास कुछ रेजिडेंशियल प्रॉपर्टीज, बैंक डिपॉजिट और मारुति 800 कार उस समय थी।
जब डूब चुकी भारतीय अर्थव्यवस्था को मनमोहन सिंह ने दिया नया जीवन खोल दिए थे दुनिया के लिए भारतीय बाजार के दरवाजे:
साल 2013 में डॉक्टर सिंह की कुल नेट वर्थ 10.73 करोड़ रुपये थी। बात करें उनकी चल संपत्ति की तो चंडीगढ़ और दिल्ली में उनके पास दो घर थे जिनकी वैल्यू आज से 11 साल पहले 7.27 करोड़ रुपये थी जो आज बढ़कर कई गुना हो चुकी है। साल 2013 में उनके SBI अकाउंट में 3.46 करोड़ रुपये कुल जमा और निवेश के तौर पर थे।
साल 2012 में डॉक्टर मनमोहन सिंह ने अपने पास 150.80 ग्राम सोने के गहने होने की जानकारी दी थी। आज की वैल्यू के हिसाब से देखें तो इतने सोने की वैल्यू 11 लाख रुपये के आसपास है।
आर्थिक सुधारो की नींव रखने वाले मनमोहन सिंह नहीं रहे, देश में 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान लाइव।।।।। साल 2004 से 2014 तक भारत के पीएम रहने वाले डॉक्टर मनमोहन सिंह को एक विजिनरी नेता और विचारक के तौर पर जाना जाता है। उन्होंने कई सोशल वेलफेयर प्रोग्राम की शुरुआत अपनी सरकार के समय की। इनमें National Rural Employment Guarantee Act (NREGA) और Right to Information Act (सूचना का अधिकार) लागू किया। उनकी सरकार का मकसद मनरेगा के जरिए गरीबों को सशक्त करना और गवर्नेंस को बेहतर बनाना था।वह 1972 से 1976 तक भारत के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर (मुख्य आर्थिक सलाहकार) रहे। 16 सितंबर 1982 में उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर पद की कमान संभाली थी। और 1985 तक इस पद पर बने रहे।