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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की 163वीं जयंती। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी 100वीं जयंती पर सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन, मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट ने सरकार से पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय की स्थापना की पुनः की मांग। चंपारण। काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय की 163वीं जयंती एवं भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी 100वीं जयंती पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने सरकार से पुनः मांग करते हुए कहा कि बेतिया पश्चिम चंपारण में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक सह चंपारण सत्याग्रह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले पंडित मदन मोहन मालवीय के सम्मान में बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय संग्रहालय का निर्माण किया जाए। इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय शांति राजदूत सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता ,डॉ शाहनवाज अली, डॉ अमित कुमार लोहिया वरिष्ठ पत्रकार सह संस्थापक मदर ताहिरा चैरिटेबल ट्रस्ट डॉ अमानुल हक ने संयुक्त रूप से कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म आज ही के दिन 25 दिसंबर 1861 को हुआ था। वे भारत के पहले और अंतिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया था। पत्रकारिता, वकालत, समाज सुधार, मातृभाषा और भारत माता की सेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले इस महान व्यक्ति द्वारा स्थापित विश्वविद्यालय में उनका विजन ऐसे विद्यार्थियों को शिक्षित कर देश की सेवा के लिए तैयार करना था जो देश का नाम रोशन कर सकें। मालवीय जी सत्य, ब्रह्मचर्य, व्यायाम, देशभक्ति और आत्मत्याग में अद्वितीय थे। वे अपने व्यवहार में हमेशा मृदुभाषी रहे। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 100वी वर्ष पूर्व 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ और कवि थे। जिन्होंने भारत के 10वें प्रधानमंत्री के रूप में तीन बार कार्य किया, पहली बार 1996 में 13 दिनों की अवधि के लिए चुने गए, फिर 1998 से 1999 तक 13 महीने की अवधि के लिए, उसके बाद 1999 से 2004 तक पूर्ण कार्यकाल के लिए।