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18 दिसंबर, 2024
श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष और एलओपी, राज्यसभा और श्री जयराम रमेश, एमपी और महासचिव (संचार), एआईसीसी ने एआईसीसी एचडीक्यूआरएस में आज मीडिया को संबोधित किया।
श्री जयराम रमेश ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नमस्कार साथियों, आज हमारे बीच नेता प्रतिपक्ष राज्य सभा और कांग्रेस अध्यक्ष सम्मानित मल्लिकार्जुन खरगे जी मौजूद हैं, उनके साथ हमारे वरिष्ठ सांसद लोक सभा के और राज्य सभा के भी हैं, मैं अभी खरगे जी से गुजारिश करूंगा कि वह आपको संबोधित करें। 11 सेकंड का एक वीडियो देख लीजिएगा, उसी संदर्भ में यह प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है।
(बाबासाहेब अंबेडकर पर गृहमंत्री श्री अमित शाह की टिप्पणी संबंधी वक्तव्य का वीडियो दिखाया गया)
श्री मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा– मंच पर बैठे हुए मेरे सभी साथियों और इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए सभी मेरे दोस्तों और पूरे प्रिंट मीडिया के भी और चैनल के भी जितने भी लोग यहां आए हैं, उन सबका मैं कांग्रेस पार्टी की ओर से स्वागत करता हूं और आप सभी को धन्यवाद भी देता हूं।
आज हमने जो प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है, इसका मकसद यह है कि परसों से जो डिबेट संविधान के 75वे साल की जो एक उसकी जर्नी बोलो, इतिहास बोलो, उसके बारे में एक डिबेट हो रही थी और डिबेट के समय सारे पक्ष के लोगों ने अपने-अपने मुद्दे रखे। संविधान के बारे में कोई अच्छा बोला, किसी ने उसको तोड़-मरोड़कर और किसी ने तो उसको एक टोंट मारने की दृष्टि से भी बात की गई। तो हम यह चाहते थे कि इस संविधान के बारे में एक उसका उत्सव मनाकर सब देश के नौजवानों को समझाने का, जो आजादी के बाद पैदा हुए, जो हमारी यंग जनरेशन बाबासाहेब के बारे में, नेहरू जी के बारे में, गांधी जी के बारे में, वल्लभ भाई पटेल के बारे में, अब्दुल कलाम आजाद के बारे में जो नहीं जानते थे और उस वक्त कॉन्स्टिट्यूएंट असेंबली में क्या घटनाएं घटीं और कैसे... सभी मेंबर्स ने अपनी सलाह उसमें रखी, इसका एक चिंतन और मंथन हो जाए और साथ ही सारे देश के युवाओं को, जनता को यह मालूम करने के लिए सब लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
लेकिन कल हमारे अमित शाह जी, एक बात उन्होंने कही, जो बहुत ही एक कंडेमेबल है... यह दुर्भाग्य है हमारे देश का कि किसी भी एक दलित नायक को, जो पूजनीय हैं सबके लिए, चाहे दलित होने दो, चाहे इस देश का कोई भी नागरिक हो, उनकी इंसल्ट करने की, उनके बारे में टोंट मारने की और ऑपोजिशन पार्टी की तरफ देखकर वह कहने का कि रोज उठकर आप क्या लगाए हो, डॉ० अंबेडकर- अंबेडकर- अंबेडकर- अंबेडकर- अंबेडकर, अगर इतना ही नाम भगवान का अगर आप लेते, तो आप सात जन्मों का स्वर्ग आपको प्राप्त हो जाता।
मुझे यह मजबूरन कहना पड़ता है कि यह लोग संविधान को नहीं मानते। स्वर्ग और नर्क की जब बात करते हैं तो यह मनुस्मृति की बात करते हैं। इसमें ही लिखा है कि क्या-क्या स्वर्ग है, क्या-क्या, कौन-कौन सी जाति कहां जाएंगी, क्या पढ़ें तो क्या हो जाएंगे, यह मानसिकता मोदी सरकार के कैबिनेट मिनिस्टर्स की और मोदी साहब की भी है और उसी ढंग से जो उनके गुरु हैं, जो गोलवलकर गुरुजी या दूसरे जो भी हैं उनके फाउंडर्स, वह सब लोग भी यही बात बोलते थे। उनकी कोई गलती नहीं, जिस स्कूल में पढ़ते हैं, उस स्कूल का नियम उनको पालना पड़ता है, इसलिए उन्होंने यह पाला। बार-बार यह भी कहते हैं कि हमने, कांग्रेस वालों ने इंसल्ट की अंबेडकर की।
तो मैंने तो पार्लियामेंट में पूरा बोल दिया है कि किस ढंग से वह कांग्रेस को नीचा दिखाने के लिए, नेहरू को नीचा दिखाने के लिए, गांधी फैमिली को नीचा दिखाने के लिए वह बात करते थे, वही बात उसी ढंग पर फिर कल भी उन्होंने कही, लेकिन मुझे ताज्जुब हुआ कि जो व्यक्ति ऐसी बातें बोल रहा है और सारे देश में टीवी पर यह बातें लाईव चल रही हैं, उनको प्रधानमंत्री बुलाकर टोकने की बजाय… अरे भाई यह ठीक नहीं है, बाबासाहेब के बारे में तो हमने खूब तारीफ की, बहुत सी बातें बोलीं, लेकिन आपने क्यों ऐसा बोला?
जिस आईडियोलॉजी को डॉ० अंबेडकर नहीं मानते, स्वर्ग या नर्क की बात उन्होंने कभी कही नहीं, उन बातों को लेकर उनके गृह मंत्री बात करते हैं। तो मोदी साहब ने उनको डिफेंड करने के लिए छह ट्वीट्स उन्होंने किए... क्या जरूरत थी? अगर बाबासाहेब के बारे में कोई गलत बोलता है, उसको अपने कैबिनेट से निकाल देना चाहिए था, यह नहीं चलेगा। लेकिन दोनों बड़े गहरे दोस्त हैं, एक-दूसरे के पाप को सपोर्ट करते हैं और इन्होंने अगर कोई पाप किया तो वह सपोर्ट करते हैं, उन्होंने अगर कोई पाप किया या गलत बोला तो मोदी साहब सपोर्ट करते हैं।
तो इसलिए मैं यह जानना चाहता हूं मोदी जी की ओर से कि जो व्यक्ति और जिस संविधान की आप यहां पर जो चर्चा कर रहे हैं, इस ग्रंथ को पवित्र मानकर आप सबको कह रहे हैं, हालांकि इस संविधान को उन्होंने कभी इसको सम्मान नहीं दिया। इसमें तो उन्होंने तैयार होते ही रामलीला मैदान में जलाया और हम जो देश के लिए झंडा बनाए थे, तिरंगा झंडा, उसको भी उन्होंने नकारा और वह यह चाहते थे कि यह संविधान अपना नहीं है, यह संविधान सिर्फ जो मनुस्मृति के लॉ हैं, वह संविधान उस लाईन पर नहीं हैं, इसलिए हम इसको मानते नहीं। इसीलिए नेहरू जी का फोटो जलाया, गांधी जी का जलाया, अंबेडकर जी का जलाया, सबकी फोटो जलाई और तिरंगे झंडे का भी उन्होंने तिरस्कार किया, वही माइंड में है उनके, इसीलिए तो डॉ० बाबासाहेब अंबेडकर के लिए उन्होंने यह बात कही।
अगर एक आदमी, उनके लिए अगर उसके दिल में श्रद्धा होती, अगर उनके लिए अभिमान होता तो यह बात कभी वह व्यक्ति बोलता नहीं। तो इसीलिए हम चाहते हैं कि हमारे अमित शाह को माफीनामा देना चाहिए और मोदी जी को अगर थोड़ी सी भी बाबासाहेब अंबेडकर के बारे में श्रद्धा है, तो रात के 12:00 बजे के अंदर बरखास्त कर देना चाहिए उनको।
तो हमारी डिमांड यह है कि जो व्यक्ति संविधान की शपथ लेकर अंदर आता है, मिनिस्टर बनता है, मेंबर बनता है, अगर वह संविधान का अपमान करता है तो उसको कैबिनेट में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनको फोरन ड्रॉप करना चाहिए, बरखास्त करना चाहिए, तभी इस देश के लोग शांत रहेंगे, नहीं तो हर जगह बाबासाहेब के बारे में नारे लगाएंगे, उनके लिए जान देने के लिए भी लोग तैयार हैं।
ऐसा नहीं है कि कोई मिलेगा नहीं, लेकिन आज के हमारे जितने भी सुशिक्षित भी हैं, अनपढ़ लोग भी हैं, बहुत लोग भी हैं, जो बाबासाहेब अंबेडकर के अभिमानी हैं। जात-पात का सवाल नहीं है, बाबा साहेब अंबेडकर सबके हैं। वह बैकवर्ड के भी हैं और जो अति पिछड़े लोग हैं, इकोनॉमिकली जो वीकर हैं, यह सभी लोग उनके हैं। कभी उन्होंने जात-पात पर बात नहीं की, इसलिए क्योंकि वो चाहते थे, जो शोषित वर्ग है, जो दलित है, जो बहुत ही कुचला गया है, उसके बारे में बात करते थे। इसका मतलब ये नहीं कि वो दूसरों के बारे में कोई सिंपैथी नहीं रखते थे, ये नहीं है या उनके लिए कुछ नहीं लिखा।
अरे डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर संविधान में तो दो कॉलम, आर्टिकल रिजर्वेशन का 15(4) और 16(4) का तो सबको लागू है, लेकिन रिजर्वेशन का बोल रहा हूं मैं, जो है इसमें मैं आपको बताऊंगा। वो सिर्फ उतने कॉलम छोड़कर, आर्टिकल छोड़कर बाकी सभी आर्टिकल सबके लिए हैं। फंडामेंटल राइट क्या शेड्यूल कास्ट के लिए है, फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन शेड्यूल कास्ट के लिए है और फ्रीडम ऑफ मूवमेंट क्या उन्हीं को है? अरे वो तो इक्वैलिटी चाहते थे और महिलाओं की सबके लिए, जिस मनुस्मृति में महिलाओं के लिए कोई जगह ही नहीं है, उसकी तारीफ करते हुए मोदी जी फिर रहे हैं और शाह जी फिर रहे हैं।
तो इसलिए मेरा एक प्रधानमंत्री को कहना है कि अगर बाबा साहब के बारे में कोई थोड़ी सी जगह अगर आपके पास है, तो फौरन अमित शाह जी को हटा देना चाहिए, बर्खास्त कर देना चाहिए और अगर नहीं करते, ये तो सब बाबा साहब अंबेडकर जी के लिए जो बोल रहे हैं, ये सब नाटक है, ड्रामा है। ये मैं कहूंगा।
तो इतना कहते हुए मैं यही कहूंगा कि आज प्रेस हमने इतनी जल्दी में जो बुलाया और आप लोग जो आए, इसलिए मैं आप सबका धन्यवाद करता हूं और वो देश के सामने एक तो हम पूछ रहे हैं कि एक तो मोदी जी को उनको बर्खास्त करना। एक पूछ रहे हैं हम देश के लोगों से माफी मांगना, या कोई दलितों का या दूसरों का नहीं, देश के लोग, जिनका संविधान के ऊपर विश्वास है और इस देश के लोगों से माफी मांगकर और वो माफीनामा देकर बाहर आना चाहिए और अगर नहीं देते, तो मोदी जी को उनको आज किसी ना किसी तरह से बर्खास्त करना चाहिए। यही मेरी आप सब लोगों से विनती है।
श्री जयराम रमेश ने कहा- शुक्रिया कांग्रेस अध्यक्ष जी। अभी खरगे जी ने आपके सामने, देश के सामने बिल्कुल साफ कर दिया है कि कांग्रेस पार्टी क्या चाहती है प्रधानमंत्री से। अभी इस वक्तव्य के बाद मैं नहीं समझता हूं कुछ सवाल-जवाब की
जरूरत है।