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18 दिसंबर, 2024
श्री नीरज डांगी, सांसद (राज्य सभा) ने आज संसद भवन, नई दिल्ली के बाहर विजय चौक में मीडिया को संबोधित किया।श्री नीरज डांगी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जिस प्रकार से कल राज्य सभा सदन में अमित शाह जी ने बयान दिया कि एक फैशन बन गया है अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, इतना ही नाम अगर भगवान का लिया होता, तो 7 जन्मों तक स्वर्ग प्राप्त होता। जिस लहजे में उन्होंने बोला है और जो शब्द इस्तेमाल हुए हैं, यह सीधे तौर पर वह तमाम देश के अनुसूचित जाति और जनजाति और देश के आम नागरिकों का सीधा-सीधा अपमान तो है ही, यह अंबेडकर साहब का भी अपमान है। ना तो कहीं जी लगाया और अंबेडकर साहब को फैशन की संज्ञा उन्होंने दे डाली।
जहां पिछले चार दिन से लगातार दोनों सदनों में Glorious 75 Years of Constitution के ऊपर डिबेट चल रही हो। तो क्या ग्लोरी यह दिखाना चाहते हैं और किस प्रकार की इनकी सोच है भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की, यह अमित शाह जी ने कल दर्शा दिया है। इनका बस चलता तो जिस प्रकार से इन्होंने चुनाव के ऐन पहले जिस प्रकार से कहा था, जो 400 पार का नारा इन्होंने दिया था और संविधान को बदलने की बात उसमें रखी थी। यह जनता ने दिखा दिया कि संविधान को छेड़ने की कोशिश करेंगे, तो 240 पर आज लाया है। यही अब जो अपमान इस शोषित और प्रताड़ित वर्ग का इन्होंने किया है, यही वर्ग इनको 240 से 40 पर लाकर खड़ा करेगा और जहां तक भगवान का प्रश्न है, तो जो सिर उठाकर जीने का जो अधिकार अंबेडकर साहब ने शोषित वर्ग को, प्रताड़ित वर्ग को, अपमानित वर्ग को दिया है और जो अपमान इन्होंने किया है। मैं कहना चाहूंगा कि अंबेडकर साहब ही हैं, जिन्होंने उनको सिर उठाकर जीने का अधिकार दिया है।
यह जो कल उन्होंने बयान दिया है, मैं कांग्रेस पार्टी की ओर से यह मांग रखता हूं कि सार्वजनिक रूप से अमित शाह जी आकर माफी मांगे और सदन में भी वह मौजूद रहें और सदन से भी माफी मांगे। जो बयान कल इन्होंने दिया है, आज वह अपने इस संविधानिक पद पर रहने का अधिकार खो चुके हैं, उन्हें गृह मंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए और सार्वजनिक रूप से देश से माफी मांगनी चाहिए।
मैं कहना चाहूंगा कि हालात किस प्रकार के रहे हैं, आज भी हम अगर आजादी के पहले की बात करें, तो बहुत अलग होगी, आज भी जहां पिछड़े क्षेत्र हैं, वहां आज भी अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को साथ बिठाया नहीं जाताहै, साथ खिलाया नहीं जाता है। उनके लिए सार्वजनिक नलों के ऊपर आने की अनुमति नहीं है, पृथक रूप से उनको अपने पानी की व्यवस्था करनी होती है, उनको स्कूलों के अंदर जाने नहीं दिया जाता है, बच्चों को पढ़ने नहीं दिया जाता है। आज भी उनके शादी-ब्याहो के अंदर उनको घोड़ी पर चढ़ने नहीं दिया जाता है, यह हालात हैं और यह बात करते हैं कि अगर अंबेडकर साहब की जगह भगवान का नाम लिया होता, तो स्वर्ग मिलता।
मैं कहना चाहूंगा जो यह प्रोपेगेंडा बना रहे हैं अब, चूंकि चूक तो अमित शाह जी ने कर ही दी है। लंबा-चौड़ा कल दो घंटे का भाषण उन्होंने चेपा और जिस प्रकार से Glorious 75 Years की बात हम करते हैं कांस्टिट्यूशन की, वहां ग्लोरी की बात कहीं नहीं कही है। जितने नेगेटिव्स हो सकते थे पिछले सालों के अंदर, उनको खंगालने का काम इन्होंने किया है। ये लाते उन तमाम चीजों को, जो उपलब्धि थी देश की, संविधान की। ये जिस प्रकार से कल भाषण था यह संविधान के ग्लोरियस इयर्स को उन्होंने नहीं दर्शाया है, संविधान का अपमान करने का काम इन्होंने किया है और वही अगर 400 पार ही होते, तो इस संविधान को तार-तार करने का भी ये लोग काम करते। इन्होंने जिस प्रकार से उन पन्नों को निकाला है, जहां कहीं कोई विरोधाभास था आपस में, आपसी पार्टियों के अंदर विरोधाभास होते हैं और उसको बहुत सम्मानजनक तरीके से आपस में या सदन में रखना होता है, लेकिन जो परिस्थितियां थी, इनके नेताओं ने जिस प्रकार से बात को रखा इनकी सोच का पता चलता है कि इनकी सोच जो है इस शोषित वर्ग के लिए और संविधान के लिए और अंबेडकर साहब के लिए क्या है, किस प्रकार के यह लोग हैं यह आज जनता जान चुकी है।
मैं समझता हूं कि पिछले 12-13 घंटों से लगातार इसी बात पर पूरे देश में चर्चा हो रही है, सोशल मीडिया पर ये चल रहा है और यह लोग अब अपने आप को बचाने के लिए कह रहे हैं कि कांग्रेस ने इस क्लिप को तोड़-मरोड़कर पेश करने की कोशिश की है। मैं स्वयं मौजूद था सदन के अंदर और सदन में जिस तरह के हालात बने हुए थे वो देखने लायक थे। जब एलओपी ने बोलने की कोशिश की, हमारे कांग्रेस प्रेसिडेंट खरगे साहब ने जब बोलने की कोशिश की इस पर, तो उन्होंने कहा कि अगर मैं गलत हूं तो आप बोल सकते हैं, अन्यथा जो है आप खड़े होकर के बोल नहीं सकते हैं। मैं कहना चाहूंगा हर चीज में उन्होंने गलतियां रखीं वहां पर और जब बोलने की बात आई तो बोलने नहीं दिया गया। ये इस बात को दर्शाता है कि किस तरह की परिस्थितियां चल रही हैं। चार दिन से लगातार बहस चल रही है दो दिन लोकसभा में, दो दिन राज्यसभा में, लेकिन जो चीज निकलकर आई है, वो मैं समझता हूं की संविधान के खिलाफ है, संविधान को विकृत करने की बात करें।
मैं एक कोट करूंगा, अंबेडकर साहब का, 1948 में अंबेडकर साहब ने जो चेतावनी उन्होंने दी थी, उन शब्दों को कोट करूंगा। “केवल प्रशासनिक स्वरूप को बदलकर, असंगत बनाकर, उसे संविधान की भावनाओं के विरुद्ध बनाकर के संविधान को पूरी से तरीके से विकृत करना संभव है” तो यह विकृत इस संविधान को करने की कोशिश कर रहे हैं। मैं इस मौके पर कहना चाहूंगा कि इनकी सोच जो है, वह इस शोषित वर्ग के प्रति सम्मान की भावना नहीं रखता है। यह बात कर रहे थे कल जिस प्रकार से इन्होंने अमित शाह जी ने कहा कि मुस्लिम समाज के लिए वे जो है तीन तलाक की बात करके और उनके पक्ष में बात रखी है। मैं उन तमाम घटनाओं का भी जिक्र करना चाहूंगा - खरगौन को याद करो, जहांगीरपुर दिल्ली को याद करो, उन्होंने बिना बताएं बुलडोजर से उन संपत्तियों को ध्वस्त कर दिया, जो मुस्लिम समाज की थीं।
यह चाहे अनुसूचित जाति हो, चाहे अनुसूचित जनजाति हो, पिछड़ा वर्ग हो, मुसलमान हो, महिलाएं हो, इनका रवैया जो है किस तरह का है यह इनकी विकृत मानसिकता को दर्शाता है। जो लहजा था वही मैं समझता हूं कि गलत था, देश इनसे माफी मांगने के लिए इनको मजबूर करेगा और कांग्रेस स्टैंड लेगी कि हम लोग सदन में और सदन के बाहर इनका असली आईना, इनका चेहरा जो है देश के सामने रखें।